ब्रांड
क्या है?
Simple भाषा मैं बोला जाये तो वो नाम और डिजाईन जो किसी Specific कंपनी को दुसरे कंपनी से अलग करता है, जब नाम और डिजाईन लोगो के मस्तिस्क मैं
एक जगह बना लेता है उसे ही ब्रांड का नाम दिया जाता है. ये प्रक्रिया आज से प्राचीन
समय से चले आ रही है जब बाज़ार मैं छाप शब्द का प्रोयोग किया जाता था.
ब्रांड
वो माध्यम है जो specific कंपनी को एक पहचान देती है,
जो नाम या कोई डिजाईन हो जो किसी उत्पाद की पहचान करवाता है.
वैसे
तो मैंने ब्रांड के बारे मैं आप जान ही गए होगे अगर मैं इससे आपको एक आम
आदमी की तरह समझाऊ तो ब्रांड एक सज्जन व्यक्ति की तरह है जो इमेज को बना के और
बिना बिगड़े आगे बढना चाहता है कोई भी व्यक्ति ये नहीं चाहेगा की उसकी इमेज मैं कोई
अनंच भी आये.
कुछ
पॉइंट है जो ब्रांड को ब्रांड बनाने मैं मदद करता है.
जैसे
की ब्रांड का नाम Easy to Remember
हो जब कोई यूजर उसे पड़े या देखे तो उसके दिमाग मैं वो छप जाये.
Branding की विशेषता
ब्रांडिंग
किसी भी बिज़नस के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्यूंकि ये बिज़नस को एक अलग इमेज देता है
जिससे बिज़नस को एक पहचान मिलती है.
न्यू
कस्टमर बनना : कंपनी
की मजबूत ब्रांडिंग से कंपनी की छवि विकसित होती है और कस्टमर के बीच एक तालमेल बनाती
है ब्रांडिंग से ही एक कस्टमर उस ब्रांडिंग को ज्यादा कनेक्ट होता है जिसकी
ब्रांडिंग बेहतर हो.
कंपनी
के प्रति विश्वास :
कंपनी की प्रति ज्यादा विश्वास तभी बनता है जब कंपनी की ब्रांडिंग मैं रणनीति हो
उपभोक्ता की सोच को समझे जो कंपनी की ब्रांडिंग मैं वो सब available हो जो कस्टमर को सीधा प्रभावित करे.
ब्रांडिंग
कई प्रकार : विज्ञापन ब्रांडिंग का एक घटक है, विज्ञापन ही कस्टमर को कंपनी के
ब्रांड और उसके प्रोडक्ट का विवरण करवाता है. Attractive
विज्ञापन ही कस्टमर को Connect करने मैं ज्यादा मदद करती है.
ब्रांडिंग
के लिए महत्वपूर्ण Elements
कंपनी के प्रोडक्ट या सर्विस के लिए ये सुनिचित कर
लेना जरुरी है की आप को अपने व्यवसाय को एक ब्रांड को तौर मैं उभारना चाहते है तो आपको
नाम ऐसा देना होगा जो बड़ा easy to remember हो
1. Name – ऐसा नाम जो आपके प्रोडक्ट को एक पहचान दे.
2. Logo – कंपनी को अपने प्रोडक्ट या अपनी कंपनी का Logo Design करवाना होगा जो कस्टमर के दिमाग मैं छाप बना देता है
3. Color – अपने ब्रांड को ऐसा color
देना जिससे आपके ब्रांड की identity बनी रहती है.
4. Graphics – ग्राफ़िक्स जो मार्केटिंग के लिए बनांये जाने वाले
डिजाईन जो ब्रांडिंग के लिए इस्तेमाल मैं अति है. जैसे की Visiting card | Pamphlet | brochure
5. Social Media Activity : ब्रांडिंग के इस दौर मैं Social Media Branding बहुत जरुरी है. आप अपनी सर्विस Social Site पर भी ब्रांडिंग कर सकते है अपने
प्रोडक्ट या सर्विस को कस्टमर से रुबुरु करा सकते है.
ब्रांडिंग
के प्रकार
ब्रांडिंग
की बात करे तो ब्रांडिंग ऐसा नहीं है की ब्रांडिंग सिर्फ किसी प्रोडक्ट की होती है.
आज कल हर सेक्टर बिना ब्रांडिंग का नहीं है
चाहे इंस्टिट्यूट हो या कोई रेस्टोरेंट, ब्रांडिंग को को चार भाग मैं बांटते है और
ये जानकरी हर उधमी को पता होनी चाहिए.
1.
प्रोडक्ट ब्रांडिंग (Product Branding)
2. पर्सनल ब्रांडिंग (Personal Branding)
3. कॉर्पोरेट ब्रांडिंग (Corporate Branding)
4. भोगालिक ब्रांडिंग ( State Branding)
Advantage of Branding
1. कंपनी की पहचान और जागरूकता : आपने ये देखा होगा अपनी रोजमर्रा की जिंदगी मैं नई नई कम्पनिया मार्किट मैं
आ रही ही वो या तो प्रोडक्ट से सम्बन्धी होती है या सर्विस सेक्टर से. मार्किट मैं
एक ही आवश्यकता की पूर्ति के लिए कई सारी कम्पनिया है जो अपने प्रोडक्ट या
सर्विसेज की ब्रांडिंग करते है, अगर कस्टमर किसी ब्रांड का प्रोडक्ट या सर्विस का
इस्तेमाल करता है और कस्टमर को ब्रांड पसंद आता है तो अगली बार कस्टमर उस ब्रांड
को आसानी से खरीद सकता है, इसलिए
ब्रांडिंग कंपनी सर्विस या प्रोडक्ट को जागरूक करता है और साथ ही अन्य कंपनी के
ब्रांड से अलग बनती है.
2. कीमतों मैं अंतर : आपने ये तो नोटिस करा होगा की एक सी सर्विस या प्रोडक्ट मार्किट मैं उपलब्द रहती है. लेकिन ब्रांड का ब्रांडेड होना ही दूसरे प्रोडक्ट या सर्विस भिन्न बनाता है, ये सब कुछ आपकी branding एंड आपकी रणनीति पर निर्भर करता है की आपकी Strategy पर निर्भर करता है
3.
प्रतियोगियों के लिए रुकावट : जैसे आपको पहले ही बता चूका हूँ की आपकी Branding Strategy पर निर्भर करता है की
आप मार्किट मैं कैसे प्रतियोगिता स्तापित करते है, बस यही कहना चाहता हूँ की अगर
न्यू उधमी भी एक अच्छे Branding Marketing Strategy के साथ प्रतियोगिता
स्तापित कर सकते है.
ब्रांडिंग मैं लगात & गुणवता
- इस लेख मैं ब्रांड और ब्रांडिंग के बारे मैं जो जानकारी मैंने आपसे साझा करी है ये उधमी के लिए जानलेना जरुरी है की इन सब मैं एक बड़ी मात्रा मैं लागत लगानी पड़ती है. क्योंकि कोई भी कंपनी एक रात मैं ब्रांड के तौर मैं उभर नहीं सकती इसके लिए समय और कंपनी को प्रोमोट करने के लिए ब्रांडिंग करना होता है और भारी रकम चुकानी पड़ती है
- आपके ब्रांड की कमिटमेंट बहुत इम्पोर्टेन्ट है अगर आपने मार्किट मैं अपने कस्टमर को एक अच्छे प्रोडक्ट या सर्विस की गुणवता का कमिटमेंट करा है और उस गुणवता को आप पूरा नहीं कर सके तो आपको भरी नुकसान का सामना करना पड़ेगा क्युकी ये सब प्रोडक्ट की गुणवता पर निर्भर करता है
- ब्रांडिंग के बाद जब एक कंपनी ब्रांड बन जाती है तो एक नुकसान ये भी है की किसी कारण ब्रांड के नाम या उसकी Image ख़राब हो जाती है तो उस ब्रांड को पहले जैसा नाम कमाने मैं बहुत दिक्कत होती है ऐसे कई example है जैसे Electronic Segment | Telecom | Food मैं
कंपनी
को Brand बनाने से पहले एक Branding Strategy बनाना जरुरी है.
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